कभी अनायास जब उदास होता है मन
एक अजीब सी धड़कन दिल में उठती है
मुझे कुछ नही पता ,शायद कुछ पूछती है
बड़ी शान्ति मिलती है मुझे उस वक्त ,,
एक बड़ी ही अजीब शान्ति
तब सोचता हूँ ..............!!
कितना अजीब है - उदासी और शान्ति
दूर-दूर तक कोई सम्बन्ध नही ,
फिर भी मालूम नही
क्यूँ लगता है मुझे ,
ये दोनों पूरक हैं एक दुसरे के
और सख्त हो जाता हूँ मैं ,
बिल्कुल मजबूत ............!!
अजीब लगता है --
उदासी-शान्ति-मजबूती ....
इतना मजबूत इतना शांत
जैसे प्रशांत ..................!!
और हँसी आ जाती है मुझे बरबस ,
क्या बाकी मैं भी
दे सकूँगा मजबूती इतनी
अपनी दिल की लहरों को
की छाप छोड़ सके
धड़कने मेरी-ख्वाबे मेरी ,वक्त की रेत पे
क्या होगी शक्ति इतनी मेरी लहरों में
की तट पर पहुंचकर ये टूटे नही ,
छू जाए आसमान को ...............!!!!
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