November 19, 2011

ये पाकिस्तान है , यहाँ सब अजीब ही होता है

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                                                           क्या आप बता सकते हैं कि सेक्स, लैवेंडर, मिथ्याभिमान, क्विकी, बट्ट, मैंगो और पुडिंग जैसे अंग्रेजी शब्दों में क्या समानता है ?


 समानता यह है कि ये उन 1000 शब्दों की सूची में शामिल हैं जिन्हें पाकिस्तान का दूरसंचार प्राधिकरण आपत्तिजनक मानता है.


दूरसंचार प्राधिकरण के इस फैसले ने आम पाकिस्तानियों को सकते में डाल दिया है क्योंकि वो ये तय नहीं कर पा रहे हैं कि इस फैसले का स्वागत करें, इससे विचलित हों या फिर इसका विरोध करें.दूरसंचार प्राधिकरण ने पाकिस्तान के सभी मोबाइल ऑपरेटरों से कहा है टेक्सट मैसेज में इस्तेमाल किए गए ऐसे किसी भी शब्दो को ब्लॉक कर दिया जाए.पाकिस्तान की तमाम वेबसाइट्स पर ऐसे शब्दों की एक अपुष्ट लिस्ट का प्रचार किया जा रहा है जिन्हें अश्लील माना जा सकता है. इसके बावजूद इनमें से कुछ शब्द ऐसे हैं जिनसे अति उत्तेजक स्वभाव वाले लोग भी नाराज़ हो गए हैं.हालाँकि कुछ पाकिस्तानियों ने संचार प्राधिकरण का ये कहकर शुक्रिया अदा किया कि प्राधिकरण ने उन्हें ऐसे शब्दों से अवगत कराया है जिनसे वो अब तक अंजान थे.

येलोमैन क्या है?

ट्विटर के 140 अक्षरों वाले पोस्ट में शायद ये पहला मौक़ा हो जब आया है कि 'मंकी, क्रॉच, एथलीट्स फ़ुट और येलोमैन' जैसे शब्दों का सिलसिलेवार प्रयोग हो रहा है.ट्विटर पर बार-बार #Pta bannedlist का टैग लगाकर इन शब्दों का प्रयोग किया जा रहा है.कुछ लोग जहां इन शब्दों के मतलब पूछ रहे हैं, वहीं एक तबका सरकार के इस फैसले से काफी गुस्से में है.वो लोग कहते हैं कि पीटीए ने प्रतिबंधित सूची इसलिए जारी की है क्योंकि वो अपने बारे में सच सुनने की हिम्मत नहीं रखती.

'सेंसरशिप का लंबा इतिहास'

पाकिस्तान में सेंसरशिप का एक लंबा इतिहास रहा है. पत्रकारों के साथ सार्वजनिक तौर पर दुर्व्यवहार होने के अलावा सत्ता का विरोध करने वालों पर हमले भी हो चुके हैं.

लेकिन कुछ लोगों ने इस लिस्ट में भी ग़लतियां ढूंढनी शुरु कर दी हैं, मसलन इस लिस्ट में ग़लत तरीके से लिखेगए 'मैस्टबेशन' से जुड़े सभी शब्दों के इस्तेमाल पर तो रोक है, लेकिन इस शब्द के सही से लिखे गए स्पेलिंग पर कोई रोक नहीं है.आश्चर्यजनक तौर पर इस लिस्ट में जीज़स क्राइस्ट और सेटन जैसे शब्द भी शामिल हैं. कुछ लोग उस 'विद्वान' को ढूंढ रहे हैं जो ये सूची बनाकर संचार तंत्र में शालीनता लाना चाहता है.
'लिस्ट-एक सुरक्षा तंत्र'



पाकिस्तान की नियामक संस्था के प्रवक्ता मोहम्मद यूनुस ने गार्डियन अख़बार को बताया है कि ये बैन मोबाइल उपभोक्ताओं की शिकायतों के बाद लागू किया गया है.कुछ मोबाइल उपभोक्ताओं को आपत्तिजनक संदेश मिलने की शिकायत के बाद ये कदम उठाया गया.अंत में आम पाकिस्तानी ये मानता है कि उसके अंदर सृजनशीलता कूट-कूट कर भरी है और संचार प्राधिकरण की सेंसरशिप के बावजूद वो अपनी भावनाओं को बख़ूबी व्यक्त कर सकता है.जबकि दूरसंचार प्राधिकरण के अनुसार ये सूची युवाओं की सुरक्षा के लिए बनाई गई है.

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